जानिए क्या है दीपावली पर दिये जलाने के पीछे पारंपरिक और वैज्ञानिक कारण
त्योहार को रोश्ान करने के नाम पर आप अपने घरों पर दिए जला तो लेते हैं लेकिन कभी आपने सोचा है कि इस त्योहार पर दियों को जलाने का कारण क्या है ? आपको ये जान कर बहुत आश्चर्य होगा कि इसके पीछे न सिर्फ पारंपरिक कारण छिपा है, बल्िक इसका वैज्ञानिक कारण भी है।
तेल के दिए जलाने के पीछे पारंपरिक कारण
भगवान राम और रावण के युद्ध के बारे में तो सबने सुना होगा। माता सीता का अपहरण करने के बाद भगवान राम ने लंका पर चढ़ाई की और लंबा युद्ध चला फिर आखिर में भगवान श्रीराम ने रावण को मारा और रावण को मारने के बाद उनके भाई विभीषण का लंका में राज्याभिषेक करने के बाद वनवास पूरा करके जब उनके अयोध्या लौटने का समय आया तो विभीषण ने प्रभु श्रीराम को रावण का पुष्पक विमान दिया। ये वही पुष्पक विमान था, जो रावण ने कुबेर से छीन लिया था। इसी से वापस लौटते समय प्रभु को अयोध्या नगरी में लौटना था। आधी रात का समय था। अब अंधेरे में विमान कहीं खो न जाए, या कहीं और न उतर जाए, इसके लिए अयोध्यावासियों ने दिये रोशन किए। ताकि पुष्पक विमान सही जगह पर उतरे। उस समय से परंपरा बन गई भगवान राम के वापसी के इस दिन को दियों से रोशन करने की।और इसतरह हर साल दीपावली के सुभ अवसर पर पुरे देश में बहुत ही धूम-धाम से दिये जलाये जाते हैं।जानिए क्या है वैज्ञानिक कारण
दीवापली पर दिए जलाने के पीछे एक वैज्ञानिक कारण भी जिम्मेदार है। दरअसल ये वो समय होता है जब मौसम में अचानक से बदलाव होता है। गर्मी के बाद शरद ऋतु का आगमन होता है। मौसम के इस बदलते पड़ाव पर मच्छरों का प्रकोप एकदम से शुरू होता है। ऐसे में वैज्ञानिक तक इस बात को मानते हैं कि सरसों के तेल के जलने से जो धुआं वातावरण में घुलता है उसकी खुशबू मच्छरों को अपनी ओर आकर्षित करती है।सरसो तेल के दिये की खूशबू की ओर होते हैं मच्छर आकर्षित
ऐसे में दिवाली पर हर कोई अपने-अपने घर पर सरसों के तेल का दिया जलाता है। इतनी बड़ी तादाद में तेल का दिया जलने से उससे उठने वाली खुशबू आसपास के सारे मच्छर उनकी ओर आकर्षित होते हैं। उसके बाद दिये में ही जलकर मर जाते हैं। वैसे आमतौर पर आपने भी देखा होगा कि जलती लाइट के आसपास मच्छर बहुत आकर्षित होते हैं। ठीक वैसे ही जलते दीपक के पास भी होते हैं। कुल मिलाकर दीपावली पर दिये जलाने से मौसम के बदलने पर आए मच्छरों का पूरी तरह से खात्मा हो जाता है। वैज्ञानिकों का मानना है कि इसी वजह से दिवाली पर दियों के जलाने को शुभ के साथ-साथ जरूरी भी माना जाता है।आप ऐसे रोचक जानकारी एवं आगे आने वाले तेव्हारों एवं उनके तिथि तथा क्या है सुभ मुहूर्त, ये सब जानने के लिए आप हमारे न्यूज़ लेटर को सब्सक्राइब करें या फॉलो करे http://www.brajadhyatm.com
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