Padma cow पदमा गाय - जिसका दूध बाल कृष्ण पिया करते थे

Representational Image

पदमा गाय - जिसका दूध बाल कृष्ण पिया करते थे


पदमा गाय किसे कहते है?

 एक लाख देशी गौ के दूध को १०,००० गौ को पिलाया जाता है, उन १० ,००० गौ के दूध को १०० गौ को पिलाया जाता है अब उन १०० गायों के दूध को १० गौ को पिलाया जाता है अब उन १० गौ का दूध काढकर १ गौ को पिलाया जाता है, और जिसे पिलाया जाता है, उस गौ के जो "बछड़ा" या  "बछड़ी" होता है उसे "पदमा गाय" कहते है। 

पदमा गाय की महिमा -

ऐसी गौ का बछड़ा जहाँ जिस भूमि पर मूत्र त्याग करता है उसका इतना महत्व है कि यदि कोई बंध्या स्त्री उस जगह को सूँघ भी लेती है तो उसे निश्चित ही पुत्र की प्राप्ति हो जाती है.

ऐसी एक लाख गाये नन्द बाबा के महल में थी जिनका दूध नन्द बाबा यशोदा जी और बाल कृष्ण पिया करते थे। तभी नन्द बाबा और यशोदा के बाल सफ़ेद नहीं थे सभी चिकने और एकदम काले थे चेहरे पर एक भी झुर्री नहीं थी और शरीर अत्यंत पुष्ट थी। 

ऐसी गौ का दूध पीने से चेहरे कि चमक में कोई अंतर नहीं आता, आँखे कमजोर नहीं होती, कोई आधी-व्याधि नहीं आती। इसलिए नंद बाबा के लिए सभी कहते थे ‘साठा सो पाठा” अर्थात ६० वर्ष के नंद बाबा थे जब बाला कृष्ण का प्राकट्य हुआ था पर फिर भी जवान कि तरह दिखते थे.

जब गोपियों ने पदमा गौ के मूत्र से बाल कृष्ण का अभिषेक किया


जब पूतना का मोक्ष भगवान ने किया उसके बाद पूर्णमासी, रोहिणी, यशोदा और अन्य गोपियाँ बाल कृष्ण की शुद्धि के लिए उन्हें पदमा गौ कि गौशाला में लेकर गई। रोहिणी जी पदमा गौ को कुजली करने लगी अर्थात प्यार से सहलाने लगी, यशोदा जी ने गौ शाला में ही गोद में बाल कृष्ण को लेकर बैठ गई और पूर्णमासी उस गौ की पूंछ से, भगवान के ही दिव्य नामो से झाडा (नजर उतारने) देने लगी। 

उसी पदमा गौ के मूत्र से बाल कृष्ण को स्नान कराया, गौ के चरणों से रज लेकर लाला के सारे अंगों में लगायी। और गौ माता से प्रार्थना करने लगी की हमारे लाल को बुरी नजर से बचाना। 

गऊ सेवा करो मेरी राधे जू के प्यारो अनंत कृपा बरसेगी
जय गो माता जय गोपाल। जय जय श्यामा जय जय श्याम। जय जय श्री वृन्दावन धाम। 

Comments